सिरसा।।।(सतीश बंसल)। वनवासी कल्याण आश्रम हरियाणा द्वारा संचालित छात्रावास के पूर्वोत्तर राज्यों से आकर शिक्षण संस्कार ग्रहण कर रहे बाल गोपालों ने सिरसा स्थित आश्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों से पूर्वोत्तर की संस्कृति का परिचय करवाया। कार्यक्रम के अध्यक्ष देशकमल बिश्नोई निदेशक लॉर्ड शिवा कॉलेज ने बताया कि कार्यक्रममें बतौर मुख्यातिथि प्रो. विजय कुमार उपकुलपति सीडीएलयू सिरसा, विशिष्ठ अतिथि अशोक परासर रजिस्ट्रार सीडीएलयू व प्रमिला सुहाग निदेशक वैश्य कालेज भिवानी (छात्र पालक, कल्याण आश्रम) उपस्थित रहे। कार्यक्रम अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में कल्याण आश्रम के द्वारा किये जा रहे राष्ट्र कत्याग के कार्यों की प्रशंसा की एवं समाज के समर्थ लोगों से आह्वान किया कि कल्याण आश्रम द्वारा राष्ट्र निर्माण के लिए किये जा रहे कल्याणकारी कार्यों में संस्था को बढ़चढ़ कर आर्थिक सहयोग करें। आश्रम केसंरक्षक ओपी बिश्नोई ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। इस मौके पर डा. सुरेन्द्र मल्होत्रा, राजेन्द्र रातुसरिया, खेमचन्द्र बैनीवाल प्रधान बिश्नोई सभा, महिला प्रमुख नमिता बिश्नोई, अभिषेक गुप्ता, रामसिंह यादव, प्रा. जगतार सिंह, कुनाल, नरेश कोषाध्यक्ष वनवासी कल्याण आश्रम सिरसा, हनुमान, राहुल बिश्नोई सचिव, शान्ति स्वरूप चेयरमैन नगर परिषद सिरसा, गुरमेल सिंह चेयरमैन पंचायत समिति बड़ागुढ़ा, अंग्रेज सिंह, विभिन्न गांवों से आए सरपंच, पंचायत समिति सदस्य व प्रबुद्ध नागरिकों ने वनवासी कल्याण आश्रम के बारे में विस्तृत रूप से जाना व पूर्वोत्तर के छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया। मंच संचालन प्रो. गौतम सुथार ने किया। चन्द्रमोहन सिंगला (बाला जी पेंट्स, सिरसा) द्वारा पूर्वोत्त्तर राज्यों से पहुंचे बच्चों को उपहार देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि वनवासी कल्याण आश्रम की 1952 से आरंभ हुई यात्रा से 12 करोड़ वनवासी बन्धुओं के सर्वांगीण विकास के लिए किये जा रहे कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा संचालित शिक्षा, चिकित्सा, कृषि विकास, आर्थिक विकास, श्रद्धा जागरण, खेलकूद जैसे 22000 सेवा प्रकल्पों द्वारा 2 करोड़ वनवासी बन्धुओं को लाभान्वित किया जा रहा है। 28 अप्रैल को कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता चेतराम पंवार (अध्यक्ष महाराष्ट्र प्रांत) को वन क्षेत्र के विस्तार व संरक्षण के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसी कड़ी में हरियाणा जैसे गैर वनवासी क्षेत्र में भिवानी एवं फरीदाबाद में पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों की शिक्षा हेतु दो छात्रावासों का संचालन समाज के सहयोग से हो रहा है। छात्र जितना पढऩा चाहता है, उसकी कल्याण आश्रम नि:शुल्क व्यवस्था करता है। इसके अतिरिक्त झारखण्ड, केरल व उड़ीसा राज्यों में चलने वाले विभिन्न सेवा प्रकल्पों के लिए आर्थिक सहयोग हरियाणा के दानी सज्जनों द्वारा किये गये आर्थिक सहयोग से पूर्ण होता है।