केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 'VB-जी राम जी बिल' (विकसित भारत—रोजगार और आजीविका मिशन) लोकसभा में पेश कर दिया है। यह बिल ग्रामीण परिवारों के लिए काम की गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रस्ताव करता है, लेकिन फंडिंग पैटर्न में हुए बदलाव के कारण राज्यों के खजाने पर अब अधिक वित्तीय बोझ पड़ेगा।
पीएम मोदी का बयान
बिल के नाम पर उठे विवाद के बीच पीएम मोदी ने कैबिनेट में साफ किया कि उनके लिए राम और महात्मा गांधी दोनों ही पूजनीय हैं। पीएम मोदी ने 'VB-जी राम जी बिल' पर चर्चा करते हुए राज्यों की ज्यादा जवाबदेही पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि यह समझना ज़रूरी है कि धन के विवेकपूर्ण उपयोग और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जवाबदेही केवल केंद्र की ही नहीं, बल्कि राज्यों की भी है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग से पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और 'केंद्र बनाम राज्य' के किसी भी दावे पर रोक लगेगी।
रोजगार गारंटी अब 125 दिन की
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में यह बिल पेश किया, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया। यह विधेयक ग्रामीण परिवारों के लिए एक वित्तीय वर्ष में मज़दूरी रोजगार की गारंटी को मौजूदा 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रस्ताव करता है।
पहली बार काम पर 'रोक' का प्रस्ताव
यह बिल एक और बड़ा बदलाव लाता है जो रोजगार गारंटी योजना में पहली बार किया गया है। बिल में एक वित्तीय वर्ष में कुल 60 दिनों की अवधि के लिए काम पर रोक का प्रस्ताव है, जिसमें बुवाई और कटाई के मुख्य कृषि मौसम शामिल होंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि खेती के चरम मौसम में किसानों को मजदूरों की कमी न हो।