रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर रवाना हुए, जहां वे 21 जून को आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस दौरान वे उधमपुर छावनी क्षेत्र में तैनात भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों से मुलाकात और बातचीत भी करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “नई दिल्ली से उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) के लिए रवाना हो रहा हूं। कल सुबह शनिवार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लूंगा। इसके साथ ही उधमपुर छावनी में तैनात सशस्त्र बलों के जवानों से मुलाकात का इंतजार है।” अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की वैश्विक थीम “स्वास्थ्य, समरसता और समग्र कल्याण को बढ़ावा देना” के अनुरूप भारतीय सेना और भारतीय सांस्कृतिक केंद्र दुनियाभर में उत्साहपूर्वक योग कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इन आयोजनों का उद्देश्य न केवल योग के महत्व को उजागर करना है, बल्कि विभिन्न देशों की सेनाओं और नागरिक संस्थाओं के साथ सहयोग और संवाद को भी मजबूत करना है।
वहीं 19 जून को म्यांमार स्थित डिफेंस सर्विसेज एकेडमी (DSA) में शाम 4 बजे से 5 बजे तक एक विशेष योग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें पोस्टग्रेजुएट और डिप्लोमा कोर्स के सभी छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कुल 45 बर्मी सैन्य अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह आयोजन प्रभावशाली और जीवंत बन गया। यह सत्र शारीरिक फिटनेस, मानसिक संतुलन और आंतरिक शांति को बढ़ाने पर केंद्रित था। इसी तरह कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में भारतीय सेना की ट्रेनिंग टीम (IATT) और स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र ने 19 जून को नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में विशेष योग सत्र आयोजित किया। इस पहल ने कजाख सशस्त्र बलों को योग से परिचित कराया और तनाव एवं जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं के समाधान में योग की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में योग को एक राष्ट्रीय आयोजन के रूप में मनाया जा रहा है। भारतीय दूतावास के नेतृत्व में लाल बहादुर शास्त्री सेंटर फॉर इंडियन कल्चर (LBSCIC) और IATT द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें सरकार, रक्षा मंत्रालय, सशस्त्र बल अकादमी और अन्य नागरिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। मुख्य आयोजन से पहले ताशकंद के विभिन्न स्थानों पर LBSCIC के प्रशिक्षित योग शिक्षकों द्वारा योग सत्र आयोजित किए गए, जिनमें ‘फ्रेंड्स ऑफ फ्रेंडली कंट्रीज’ (FFC) के सदस्य भी भाग ले रहे हैं। इन अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के माध्यम से भारतीय सेना न केवल योग की वैश्विक विरासत को सशक्त बना रही है, बल्कि वैश्विक समुदाय में स्वास्थ्य, एकता और मानसिक संतुलन के संदेश को भी प्रभावशाली ढंग से पहुंचा रही है।