अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लेह लद्दाख से लेकर विशाखपट्नम तक देश योग करता नजर आया। योग दिवस ने जहां दुनिया को सेहतमंद रहने का संदेश दिया, वहीं भाईचारे की एक नई गाथा भी लिखी गई। लेह लद्दाख में विभिन्न धर्मों के अनुयायियों ने एक साथ योग अभ्यास किया। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को पूरी दुनिया के लिए शांति, समरसता और स्वास्थ्य का आंदोलन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशाखापट्टनम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व भर में योग के प्रचार प्रसार के लिए इसमे निहित विज्ञान को आधुनिक अनुसंधान के माध्यम से आगे बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि योग को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान दिलाने का प्रयास चल रह है। राष्ट्रीय आयुर्वेद मिशन के जरिए भी योग और वेलनेस के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है और इसमें डिजिटल प्राद्योगिकी की भी कारगर मदद ली गई है। योग को जन आंदोलन बनाने की अपील करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आइए हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन बनाएं एक ऐसा आंदोलन जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर से ले जाए, जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिराने का माध्यम बने और जहां योग फॉर वनअर्थ, वन हैल्थ ( एक धरती एक स्वास्थ्य के लिए योग)एक वैश्विक संकल्प बन जाए।
कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सय्यद अब्दुल मजीद, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू केंद्रीय मंत्री के राम मोहन राव नायडू , प्रताप राव जाधव, चंद्र शेखर, भूपति राजू, श्री निवास वर्मा, आंध्र पदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ योगाभ्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि योग को सीधा सादा अर्थ होता है, जुडऩा और यह देखना सुखद है कि योग आज किस तरह विश्व को जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के हमारे प्रस्ताव के साथ आज एक सौ 75 देश खड़े है आज की दुनिया में ऐसी एकता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है आज योग करोड़ों लोगों की जीवन शैली बन चुका है। आज ब्रेल लिपि में योग की शिक्षा दी जा रही है। आज 11वें योग दिवस पर पूरी दुनिया में जगह-जगह योग कार्यक्रम हो रहे है।