भारतीय नौसेना ने 24 से 25 जून, 2025 तक नई दिल्ली में समुद्री सुरक्षा पर हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस) कार्य समूह की बैठक (आईडब्ल्यूजी-एमएआरएसईसी) का आयोजन किया। सम्मेलन में आए हुए प्रतिनिधियों ने दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा ढांचे को सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया।
रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में 13 आईओएनएस सदस्य देशों के प्रतिनिधि-ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, भारत, केन्या, मोजाम्बिक, ओमान, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, तंजानिया और थाईलैंड एकत्रित हुए।
आईओएनएस संरचना के प्रमुख कार्य समूहों में से एक के रूप में आईडब्ल्यूजी-एमएआरएसईसी संवाद, सहयोग और कार्यान्वयन योग्य परिणामों के लिए एक विशिष्ट मंच के रूप में कार्य करता है।
सहायक नौसेना प्रमुख (विदेशी सहयोग एवं खुफिया) रियर एडमिरल निर्भय बापना ने अपने संबोधन में हिंद महासागर (आईओआर) में क्षेत्रीय समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई और समकालीन समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के उद्देश्य से बहुपक्षीय तंत्र की बढ़ती आवश्यकता पर बल दिया।
सम्मेलन में चर्चा के दौरान सूचना-साझाकरण ढांचे को विस्तार देने, समुद्री क्षेत्र जागरूकता (एमडीए) को आगे बढ़ाने और उभरते खतरों को कम करने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्य समूह ने समन्वित व समयबद्ध क्षेत्रीय प्रतिक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए सामंजस्यपूर्ण परिचालन दिशानिर्देशों और व्यावहारिक उपायों के निर्माण पर भी विचार-विमर्श किया।
बैठक के परिणामों से सदस्य देशों की नौसेनाओं के सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर क्षेत्र को बनाए रखने के सामूहिक संकल्प को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आशा है।