वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मंत्रियों के समूह (जीओएम) को संबोधित करेंगी, जिसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) फ्रेमवर्क में आगामी सुधारों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने एक सरलीकृत, द्वि-स्तरीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली का प्रस्ताव रखा है जिसमें एक ‘स्टैंडर्ड’ और ‘मेरिट’ स्लैब के साथ-साथ चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष दरें भी होंगी।
केंद्र ने 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की एक सरल द्वि-स्तरीय जीएसटी दर संरचना का सुझाव दिया है
केंद्र ने 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की एक सरल द्वि-स्तरीय जीएसटी दर संरचना का सुझाव दिया है, जबकि कुछ अवगुण वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत की विशेष दर रखी गई है। इस प्रस्ताव में मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को हटाने का प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए वस्तुओं को सस्ता बनाना है।
दो दिवसीय बैठक का नेतृत्व बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे, जो छह सदस्यीय समिति के संयोजक हैं
सरकारी सूत्रों के अनुसार, हालांकि केंद्र जीओएम का सदस्य नहीं है, लेकिन दो दिवसीय जीओएम बैठक में वित्त मंत्री के संबोधन से जीओएम को विचार प्रक्रिया की बेहतर समझ मिलेगी। दो दिवसीय बैठक का नेतृत्व बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे, जो छह सदस्यीय समिति के संयोजक हैं। समिति केंद्र सरकार की सरलीकृत दो-स्लैब वाली जीएसटी संरचना अपनाने की योजना पर विचार-विमर्श करेगी।
40 प्रतिशत की उच्चतम स्वीकार्य सीमा लगभग 5-7 अवगुण वस्तुओं, जैसे पान मसाला, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग के लिए आरक्षित होगी
प्रस्तावित प्रणाली वस्तुओं को दो व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत करेगी। ‘मेरिट’ वस्तुएं (5 प्रतिशत) जिनमें मध्यम वर्ग, एमएसएमई और किसानों को लाभ पहुंचाने वाली वस्तुएं शामिल होंगी और ‘स्टैंडर्ड’ वस्तुएं (18 प्रतिशत), जिनमें अधिकांश अन्य वस्तुएं और सेवाएं शामिल होंगी। 40 प्रतिशत की उच्चतम स्वीकार्य सीमा लगभग 5-7 अवगुण वस्तुओं, जैसे पान मसाला, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग के लिए आरक्षित होगी।
जीएसटी रेट को रेशनलाइज बनाने के बाद 12 प्रतिशत की सीमा में शामिल लगभग 99 प्रतिशत वस्तुएं 5 प्रतिशत की दर पर आ सकती हैं
जीएसटी रेट को रेशनलाइज बनाने के बाद 12 प्रतिशत की सीमा में शामिल लगभग 99 प्रतिशत वस्तुएं 5 प्रतिशत की दर पर आ सकती हैं। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लेने के लिए जीएसटी परिषद की 18-19 सितंबर को बैठक होने की उम्मीद है। सरकार का यह प्रस्ताव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर की गई ‘दिवाली से पहले अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार’ की घोषणा के अनुरूप है, जो तीन स्तंभों संरचनात्मक सुधार, रेट रेशनलाइजेशन और ईज ऑफ लिविंग पर आधारित है।