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राष्ट्रीय

केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने खेलो इंडिया के तहत वार्षिक कैलेंडर किया लॉन्च

19 मई, 2025 01:21 PM

केंद्र सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) ने खेलो इंडिया पहल के तहत एक व्यापक वार्षिक कैलेंडर लॉन्च किया है। इस पहल से देश भर में ज़मीनी स्तर पर खेलों और एथलीट विकास को और अधिक मजबूती मिलेगी। वहीं, खेलो इंडिया बीच गेम्स (केआईबीजी) का पहला संस्करण 19 से 25 मई 2025 तक दीव में आयोजित किया जाएगा।

इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “खेलो इंडिया वार्षिक कैलेंडर महज़ कार्यक्रमों की एक रुपरेखा नहीं है, बल्कि यह भारत की घरेलू प्रतिस्पर्धा संरचना को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक खाका है, जो भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति में बदलने के लिए तैयार किया गया है।”

डॉ. मांडविया ने कहा कि, “पिछले एक दशक में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय खेलों में बेहतरीन बदलाव देखने को मिले हैं। हमने खेलो इंडिया पहल के तहत नियमित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के साथ एक गतिशील और समावेशी खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, हम जल्द ही पूरे साल खेलो इंडिया गेम्स और अन्य प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला शुरू करेंगे-जिसमें खेलो इंडिया बीच गेम्स (केआईबीजी), खेलो इंडिया स्कूल गेम्स (केआईएसजी), खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स, खेलो इंडिया नॉर्थ-ईस्ट गेम्स जैसे प्रारूप शामिल हैं। ये आयोजन भारत की युवा प्रतिभाओं की पहचान करने, उन्हें निखारने और तैयार करने में अहम साबित होंगे। सुव्यवस्थित ढंग से संरचित प्रतियोगिताओं, साल भर की भागीदारी और अखिल भारतीय भागीदारी के ज़रिए, हम राष्ट्रमंडल खेल 2030 और ओलंपिक खेल 2036 के लिए तैयारियों के माध्यम से लगातार खेल उत्कृष्टता की नींव रख रहे हैं। भारत आगे बढ़ रहा है और युवा इस खेल क्रांति के केंद्र में हैं।”

आपको बता दें, खेलो इंडिया प्लेटफॉर्म में पहले से ही 4 संरचित राष्ट्रीय स्तर के खेल शामिल हैं- खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया पैरा गेम्स और खेलो इंडिया विंटर गेम्स, जिन्हें बड़े स्तर पर कामयाबी मिली है। ये आयोजन संबंधित राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के सहयोग से आयोजित किए जाते हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तकनीकी आचरण सुनिश्चित किया जाता है। स्पष्ट योजनाओं के ज़रिए ये खेल, प्रतिभाओं की पहचान और दीर्घकालिक एथलीट विकास के लिए प्रमुख मंच के रूप में काम करते हैं।

इस मजबूत नींव पर और काम करते हुए, मंत्रालय अब खेलो इंडिया के दायरे का विस्तार कर रहा है, जिसमें और अधिक कार्यक्रम शामिल किए जा रहे हैं, जिनका मकसद भारत के विभिन्न क्षेत्रों में छिपी क्षमताओं और प्रतिभाओं को ढ़ूंढ़ना और देश की विशाल और विविध प्रतिभाओं को सामने लाना है। ये अतिरिक्त खेल न केवल ज़मीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देंगे, बल्कि उन क्षेत्रों और समुदायों को भी अवसर प्रदान करेंगे, जिनका ऐतिहासिक रूप से राष्ट्रीय खेल मंचों पर कम प्रतिनिधित्व रहा है।

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के अनुसार, कैलेंडर में कई प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं, जैसे कि खेलो इंडिया स्कूल गेम्स (अगस्त से दिसंबर), खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (मार्च-अप्रैल), वाटर स्पोर्ट्स और नॉर्थ-ईस्ट गेम्स (मई-जून), ट्राइबल गेम्स (सितंबर में छत्तीसगढ़ में) और स्वदेशी और मार्शल आर्ट गेम्स (जुलाई-अगस्त में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में)। इसके अलावा फिट इंडिया कार्निवल (फरवरी में दिल्ली में), एएसएमआईटीए लीग तथा शांति और विकास लीग गतिविधियों जैसी अतिरिक्त पहल भी पूरे वर्ष पूरे देश में चलेंगी।

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने इसको सावधानीपूर्वक तैयार किया है, साक्ष्य-आधारित कैलेंडर को पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसे प्रायोजकों को अधिक दृश्यता प्रदान करने, मीडिया की भागीदारी को आकर्षित करने और पर्यटन और युवाओं के जुड़ाव के अवसर पैदा करने के लिए भी तैयार किया गया है। इन आयोजनों की मेजबानी में रुचि दिखाने करने के लिए राज्यों से संपर्क किया जाएगा और बहु-कार्यक्रम मेज़बानी को सुव्यवस्थित करने के लिए एक सामान्य प्रस्ताव तंत्र को तैयार किया जा रहा है।

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