पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के मध्य तनाव के बीच यहां पाकिस्तान के राजदूत ने चेतावनी दी कि यदि उनके देश पर हमला किया गया या उसके महत्वपूर्ण जल प्रवाह को बाधित किया गया तो पाकिस्तान परमाणु हथियारों सहित ‘‘पूरी ताकत'' से जवाब देगा। मुहम्मद खालिद जमाली ने रविवार को रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास' के साथ साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की। यह चेतावनी देते हुए कि पाकिस्तान किसी भी आक्रमण का जवाब देने के लिए तैयार है, राजदूत ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान में पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार की पूरी ताकत का इस्तेमाल करेंगे।'' जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।
इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। जमाली ने भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि के संबंध में इस्लामाबाद की स्थिति को दोहराया, जिसे नयी दिल्ली ने आतंकवादी हमले की वजह से अपनी कूटनीतिक प्रतिक्रिया के तहत पिछले सप्ताह निलंबित कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘निचले तटवर्ती क्षेत्र के पानी को हड़पने, उसे रोकने या उसकी दिशा बदलने का कोई भी प्रयास पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई होगा और इसका जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा, जिसमें परमाणु हमला भी शामिल है।'' राजदूत ने हालांकि तनाव कम करने का आग्रह किया और कहा कि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार होने के कारण खतरा उत्पन्न हो सकता है। पाकिस्तान ने इससे पहले कश्मीर हमले की ‘‘तटस्थ और विश्वसनीय जांच'' की मांग की थी।
जमाली ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका होनी चाहिए। और इस संबंध में, हम उम्मीद करते हैं कि चीन तथा रूस जैसी शक्तियां उन जांचों में भाग ले सकती हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर में समस्या का मूल कारण कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय का अधिकार है, जिसका वादा अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विभिन्न प्रस्तावों के माध्यम से उनसे किया था।'' जमाली ने कहा, ‘‘स्थायी, टिकाऊ और सतत शांति के लिए इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।'' यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान आतंकवादी हमले की जांच में भाग लेने के लिए रूस से औपचारिक अपील की तैयारी कर रहा है, राजदूत ने कहा, ‘‘हम इसके लिए तैयार हैं।
हम चाहते हैं कि यह जांच हो और यह आरोप-प्रत्यारोप बंद हो। समय-समय पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, और मूल कारणों पर ध्यान दिए बिना ही पाकिस्तान को इसके लिए दोषी ठहराया जाता है।'' उन्होंने कहा कि मॉस्को ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के ‘‘मूल कारणों'' को दूर करने की आवश्यकता की ओर ध्यान दिलाया है। जमाली ने कहा, ‘‘इसी तरह, जब राजनीतिक विवाद लंबे समय तक चलते हैं, तो असंतोष पैदा होता है और ऐसी घटनाएं होने की संभावना होती है। किसी को दोष देना और बलि का बकरा बनाना हमेशा बहुत आसान होता है।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल को पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके समर्थकों को दंडित करने का संकल्प लिया था।