नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरण पर है। इस बीच भारत ने अपनी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने को लेकर एक और कदम आगे बढ़ाया है। दरअसल, रूस ने भारतीय सेना को इग्ला-एस मिसाइलों की नई आपूर्ति प्रदान की है। बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली भारतीय सेना की वायु रक्षा सुरक्षा का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इग्ला-एस मिसाइलों की नई आपूर्ति केंद्र द्वारा बलों को दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत किए गए अनुबंध के हिस्से के रूप में प्राप्त हुई है। करीब 260 करोड़ रुपए की लागत से हुई यह खरीद भारत सरकार की आपातकालीन खरीद नीति के तहत की गई है। सेना ने इसी के तहत अब 48 लॉन्चर और 90 और मिसाइलें खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इग्ला-एस वायु रक्षा मिसाइलों की नई आपूर्ति कुछ हफ्ते पहले भारतीय सेना को मिली हैं। इससे सीमाओं पर दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टरों और ड्रोन से खतरे का ख्याल रखने के लिए अग्रिम संरचनाओं को प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करीब 260 करोड़ रुपए के इस अनुबंध से अग्रिम क्षेत्रों, खासकर पश्चिमी क्षेत्र में वायु रक्षा सैनिकों की ताकत बढऩे की उम्मीद है।
खासियत
इग्ला-एस मिसाइलें इंफ्रारेड टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। सेना पहले से ही इस प्रणाली के पुराने वर्जन का इस्तेमाल कर रही थी। अब नए संस्करण से हवाई खतरों से निपटने की क्षमता कई गुना बढ़ेगी। इग्ला-एस इन्फ्रारेड सीकर पर आधारित है यानी यह दुश्मन के एयरक्राफ्ट के इंजन की गर्मी को ट्रैक करके निशाना बनाती है, जिससे इसे राडार से पकडऩा कठिन होता है। इसकी रेंज करीब छह किलोमीटर तक है यानी यह कम ऊंचाई पर छह किमी दूर तक किसी भी लक्ष्य को गिरा सकती है। यह मिसाइल लगभग 3.5 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को निशाना बना सकती है। इससे पाकिस्तान की तरफ आने वाले जहाजों, मिसाइलों या बम को छह किलोमीटर दूर ही ध्वस्त किया जा सकता है।