देश में अप्रैल माह में आर्थिक गतिविधियों में तेजी देखी गई है, जिसका सीधा असर पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और एविएशन फ्यूल (ATF) की खपत में बढ़ोतरी के रूप में सामने आया है। यह जानकारी पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के ताजा आंकड़ों से सामने आई है। अप्रैल महीने में डीजल की खपत 8.24 मिलियन टन तक पहुंच गई, जो अब तक की दूसरी सबसे ज्यादा मासिक खपत है। डीजल की इस मांग में बढ़ोतरी की वजह खेती-बाड़ी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर की तेज गतिविधियां हैं। पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस बार डीजल की खपत में 4% की बढ़ोतरी हुई है, डीजल की बिक्री भारत में कुल ईंधन खपत का करीब 40% हिस्सा है।
वहींं पेट्रोल की खपत भी अप्रैल में 4.6% बढ़कर 3.44 मिलियन टन हो गई है। पिछले साल लोकसभा चुनावों के प्रचार की वजह से पेट्रोल की खपत में 19% की तेज बढ़त दर्ज हुई थी, इसलिए इस साल की वृद्धि एक उच्च आधार (High Base) पर हुई है। यह गाड़ियों की बढ़ती बिक्री और लोगों की बढ़ती आवाजाही का संकेत है।
एलपीजी (रसोई गैस) की मांग भी 6.7% बढ़कर 2.62 मिलियन टन पर पहुंच गई है। इसके पीछे उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन की पहुंच और होटल-रेस्तरां में एलपीजी की वाणिज्यिक खपत का बढ़ना मुख्य कारण हैं। वहीं, एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की खपत भी बढ़ी है। अप्रैल 2025 में एटीएफ की खपत 7.66 लाख टन रही, जो पिछले साल के मुकाबले 3.25% अधिक है। इससे साफ है कि हवाई यात्रा में भी इजाफा हुआ है।