नई दिल्ली पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सीबीआई अपनी जांच जारी रखे, लेकिन कर्मचारी-उम्मीदवारों पर कोई एक्शन न ले। गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस साल 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की 25 हजार 753 नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया था। साथ ही इन शिक्षकों को सात-आठ साल के दौरान मिली सैलरी 12 फीसदी इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए थे।
इसके लिए कोर्ट ने छह हफ्ते का समय दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी बताया। कोर्ट ने कहा कि आज नौकरियों की कमी है। अगर जनता का भरोसा चला गया, तो कुछ नहीं बचेगा। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि डाटा उसके अधिकारियों ने मेंटेन किया था और इसकी उपलब्धता के बारे में पूछा गया था। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बैंच ने सुनवाई की।