कंपीटिशन के दौर में आज का युवा बेहतर भविष्य की कल्पना कर रहा है। कोई अफसर बनना चाहता है, तो कोई इंजीनियर। कोई शिक्षक बनना चाहता है, तो कोई सरकारी नौकर। कामयाबी किसी भी क्षेत्र में हो, मौजूूदा दौर में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं से गुजरना ही होगा। पीरक्षाओं का लेवल उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इसी कड़ी में हम आपके लिए लाए हैं भारतीय एवं विश्व इतिहास से जुड़ी अहम जानकारियां, जिनसे जुड़े सवाल प्रतियोगी परीक्षाओं में अकसर पूछे जाते हैं, तो आइए जानते हैं 6 मई का इतिहास…
- 1529: बंगाल के अफगान शासक नसरत शाह को गोगरा नदी के किनारे हुई लड़ाई में बाबर के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा।
- 1840: दुनिया की पहली गोंद लगी डाक टिकट ‘पेनी ब्लैक’ का ग्रेट ब्रिटेन में इस्तेमाल हुआ था।
- 1857: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल नेटिव इंफैंटरी की 34वीं रेजिमेंट को भंग किया। रेजिमेंट के सिपाही मंगल पांडेय ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था।
- 1910: जॉर्ज पंचम पिता एडवर्ड सप्तम की मृत्यु के बाद ब्रिटेन के सम्राट बने।
- 1940: जॉन स्टेनबेक को उनके उपन्यास दि ग्रेप्स ऑफ रैथ के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला।
- 1942: फिलीपीन में अमरीकी सेना की अंतिम टुकड़ी ने जापान के समक्ष समर्पण किया।
- 1944: गांधी जी को पुणे के आगा खां पैलेस से रिहा किया गया और यह उनके जीवन की अंतिम जेल यात्रा थी। वह अपनी पत्नी कस्तूरबा, सचिव महादेव देसाई और सरोजिनी नायडू के साथ यहां रहे थे। कस्तूरबा गांधी और महादेव देसाई दोनों की मृत्यु इसी जेल में तबदील महल परिसर में हुई।
- 1954: लंदन के एक बागीचे में कई महीने तक दौडऩे का अभ्यास करने वाले मेडिकल छात्र रोजर बैनिस्टर ने एक मील की दूरी को चार मिनट के भीतर पूरा करने का रिकार्ड बनाया। उन्होंने यह दूरी तीन मिनट 59.9 सेकंड में पूरी की।
- 1960: ब्रिटेन की महारानी की छोटी बहन राजकुमारी मार्गरेट और एंथनी आर्मस्ट्रांग जोन्स का विवाह। लंदन के वेस्टमिन्स्टर एबे में संपन्न इस विवाह समारोह को करीब दो करोड़ लोगों ने टेलीविजन पर देखा।
- 1985: द्वितीय विश्वयुद्ध में बैली पुलों के आविष्कारकर्ता सर डोनाल्ड बैली का इंग्लैंड में निधन।
- 1997: फ्रांस की क्र्रिस्टिन जेनिन ध्रुव पर पैदल पहुंचने वाली विश्व की प्रथम महिला बनी।
- 2004 : चीन ने सिक्किम को भारत का अंग माना।
- 2006: टाइटेनिक के डूबने की घटना की आखिरी चश्मदीद गवाह अमरीकी नागरिक लिलियन एस्प्लंट की मौत हुई।
- 2010: मुंबई पर हमला करने वाले आतंकवादियों में से जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी की सजा सुनाई गई।