ओडिशा के पुरी में चल रही ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान श्रीगुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत और कई अन्य के घायल होने के बाद राज्य में शोक की लहर फैल गई है। इस दुखद घटना पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है और जांच के आदेश दिए हैं।
दम घुटने से हुई मौतें, सरकार कराएगी जांच
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि भगदड़ में जान गंवाने वाले तीनों पीड़ितों की पहचान बसंती साहू, प्रेमकांत मोहंती और प्रवती दास के रूप में हुई है। हरिचंदन ने पुष्टि की कि इनकी मौत दम घुटने से हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस घटना की गहन जांच कराएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह भगदड़ रविवार सुबह करीब 4 बजे हुई जब बड़ी संख्या में भक्त श्रीगुंडिचा मंदिर के पास रथ पर सवार तीनों देवताओं के अनावरण का इंतजार कर रहे थे।
भगदड़ की वजह और भीड़ प्रबंधन पर सवाल
घटना से पहले चरमाला लकड़ी (जिसे डरावना माना जाता है) से भरे दो ट्रक सरधाबली क्षेत्र में घुस गए जिससे भक्तों की भीड़ में अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई।
भगदड़ के दौरान मंदिर में कथित तौर पर मौजूद पुरी के एक निवासी ने बताया कि भीड़ प्रबंधन "बिल्कुल भी अच्छा नहीं था।" उन्होंने दावा किया कि वीआईपी के लिए एक नया प्रवेश द्वार बनाया गया था और आम लोगों को मंदिर से दूर से बाहर निकलने के लिए कहा गया था। हालांकि उन्होंने कहा कि लोग उसी नए प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे जिससे वहाँ भीड़ अनियंत्रित हो गई।
CM माझी ने मांगी माफी, DGP कर रहे जांच
राज्य के कानून मंत्री हरिचंदन ने जानकारी दी कि ओडिशा के पुलिस महानिदेशक इस भगदड़ की जांच कर रहे हैं और उन्होंने आश्वस्त किया कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। भगदड़ के तुरंत बाद की स्थिति का आकलन करने के लिए ओडिशा के डीजीपी वाईबी खुरानिया खुद गुंडिचा मंदिर पहुँचे। हरिचंदन ने एएनआई को बताया कि मौके पर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्थिति का आकलन करने के लिए अपने उप-मुख्यमंत्री के साथ बैठक की। माझी ने इस घटना के लिए राज्य सरकार की ओर से माफ़ी मांगी और कहा कि वे भगवान जगन्नाथ के भक्तों से भी माफ़ी चाहते हैं। माझी ने जान गंवाने वाले परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस घटना के पीछे सुरक्षा चूक की गहन जांच की जाएगी। माझी ने स्पष्ट कहा, "यह लापरवाही अक्षम्य है।" उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ "अनुकरणीय कार्रवाई शुरू करने" के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँ।
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने साधा निशाना
बीजू जनता दल के प्रमुख और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भगदड़ के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। पटनायक ने इस घटना को रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन में "घोर विफलता" करार दिया।
उन्होंने कहा कि भगदड़ श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण त्योहार सुनिश्चित करने में सरकार की घोर अक्षमता को उजागर करती है। प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए पटनायक ने कहा कि त्रासदी पर शुरुआती प्रतिक्रिया पीड़ितों के रिश्तेदारों की ओर से आई थी और बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई सरकारी तंत्र मौजूद नहीं था। पटनायक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, हालांकि मैं सरकार पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाने से बचता हूं लेकिन उनकी घोर लापरवाही ने निस्संदेह इस त्रासदी में योगदान दिया है।
इस दुखद घटना ने रथ यात्रा जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की चुनौती को एक बार फिर रेखांकित किया है।