नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने शनिवार को कहा कि कमेटी के द्विवार्षिक चुनाव 25 जून को होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि शांति भंग करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कालका ने कहा कि गुरुद्वारा चुनाव निदेशक और उपराज्यपाल के निर्देश पर कमेटी के अध्यक्ष, महासचिव और कार्यकारिणी के चुनाव होंगे। प्रक्रिया लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण होगी।
सबसे कनिष्ठ सदस्य पदाधिकारियों के नाम प्रस्तावित करेंगे, जिनका चुनाव विधानसभा की सहमति से होगा। विपक्ष द्वारा कोर्ट में याचिका दायर करने के कारण चुनाव में देरी हुई। उन्होंने पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और मनजीत सिंह जीके पर निशाना साधते हुए कहा कि ये नेता पहले चुनाव न कराने का शोर मचाते थे, लेकिन अब कुछ लोग इसे रुकवाने के लिए फिर से कोर्ट जा रहे हैं। संगत ने इनका असली चेहरा देख लिया है।
उन्होंने तरनतारन में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा सस्ते दामों पर संपत्ति बेचे जाने पर भी सवाल उठाए और इसके लिए एसजीपीसी अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया। कालका ने कहा कि संगत की संपत्ति की रक्षा के लिए वह आवाज उठाते रहेंगे। चुनाव की घोषणा के बाद शिरोमणि अकाली दल (बादल) के परमजीत सिंह सरना और नेता मनजीत सिंह जीके इसका विरोध कर रहे हैं। डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि डीएसजीएमसी के चुनाव दो साल पहले हो जाने चाहिए थे, लेकिन नहीं हुए। उन्होंने कहा कि चुनाव डीएसजीएमसी एक्ट के बाहर हो रहे हैं। सरना ने आरोप लगाया कि डीएसजीएमसी में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ गया है। डीएसजीएमसी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा कि सरना लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीएसजीएमसी में सरकारी हस्तक्षेप का समय तब था जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, आजकल डीएसजीएमसी पर कोई दबाव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरना समूह ने कांग्रेस के इशारे पर अकाल तख्त के फैसले के खिलाफ जाकर डीएसजीएमसी में काम किया। उन्होंने दावा किया कि जब से एलजी दिल्ली ने चुनाव की घोषणा की है, लोग सरना में इकट्ठा नहीं हो रहे हैं, इसलिए वे सवाल उठा रहे हैं और झूठे आरोप लगा रहे हैं।