भारत और सेंट्रल अमेरिकन इंटीग्रेशन सिस्टम (एसआईसीए) ने भारत के अतिरिक्त सचिव राजेश वैष्णव, कोस्टा रिका के उप मंत्री एंडलेजांद्रो सोलानो और एसआईसीए की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग निदेशक कारमेन मार्रोक्विन के नेतृत्व में एक वर्चुअल वार्ता की। वार्ता के दौरान भारत-एसआईसीए सहयोग के कई क्षेत्रों पर सार्थक चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
वर्चुअल बातचीत की तस्वीरें साझा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा कि भारत की ओर से अपर सचिव राजेश वैष्णव और कोस्टा रिका के उप मंत्री श्री एलेजांद्रो सोलानो और एसआईसीए की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग निदेशक सुश्री कारमेन मार्रोक्विन के नेतृत्व में 18 जून को भारत-एसआईसीए वर्चुअल वार्ता हुई। भारत-एसआईसीए सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर सार्थक चर्चा हुई। सहयोग के मुख्य क्षेत्रों की पहचान खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, कृषि, डिजिटल परिवर्तन, ऊर्जा, व्यापार और निवेश के रूप में की गई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में कोस्टा रिका के पास एसआईसीए की अस्थायी अध्यक्षता है और इसे इस वर्ष के अंत में पनामा को सौंप दिया जाएगा। अपर सचिव ने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि भारत-एसआईसीए संबंध आपसी सम्मान, लोकतंत्र और सतत विकास के साझा मूल्यों तथा दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता की मजबूत नींव पर बने हुए हैं। भारत ने ITEC क्षमता निर्माण मंच, त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (QIP) और समर्पित SME अनुदान कार्यक्रम सहित अपने विकास सहयोग कार्यक्रमों के माध्यम से इस क्षेत्र में कई पहलों का सक्रिय रूप से समर्थन किया है।
एसआईसीए सचिवालय और एसआईसीए सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने वैश्विक दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने में भारत की सक्रिय भूमिका की सराहना की। उन्होंने बताया कि सतत राजनीतिक वार्ता और क्षेत्रीय सहयोग पहल के माध्यम से भारत-एसआईसीए सहयोग और अधिक गहरा होगा। सहयोग के मुख्य क्षेत्रों की पहचान खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, कृषि, डिजिटल परिवर्तन, ऊर्जा, व्यापार और निवेश के रूप में की गई।
इसके अलावा, एसआईसीए के प्रतिनिधियों ने कोविड महामारी और क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अन्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे जरूरत के समय में भारत के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।