नई दिल्ली। खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई गिरावट के बल पर इस वर्ष मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई छह वर्ष के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर आ गई जबकि इस वर्ष अप्रैल में यह 3.16 प्रतिशत और मई 2024 में 4.8 प्रतिशत रही थी। मई 2019 में यह 3.05 प्रतिशत रही थी। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के लिए राहत की खबर है। सब्जियों एवं फलों की कीमतों में नरमी आने से खुदरा महंगाई घटकर छह साल के निचले स्तर पर आ गई है। मई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 2.82 प्रतिशत पर आ गई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मई 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति 0.99 फीसदी रही, जो एक साल पहले के समान महीने के 8.69 फीसदी के मुकाबले काफी कम है। मई, 2025 की खाद्य मुद्रास्फीति का यह आंकड़ा अक्टूबर, 2021 के बाद सबसे कम है। एनएसओ ने बयान में कहा कि मई 2025 में मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से दालों एवं इसके उत्पादों, सब्जियों, फलों, अनाज एवं इसके उत्पादों, घरेलू सामान और सेवाओं, चीनी एवं कन्फेक्शनरी और अंडे की कीमतों में गिरावट और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण है।
मई महीने में ग्रामीण महंगाई दर 2.59 प्रतिशत रही जो अप्रैल महीने में 2.92 प्रतिशत रही थी। शहरी महंगाई दर मई 2025 में 3.07 प्रतिशत रही है जो अप्रैल 2025 में 3.36 प्रतिशत थी। ग्रामीण खाद्य महंगाई 0.95 प्रतिशत और शहरी खाद्य महंगाई 0.96 प्रतिशत रही है।