मुंबई में आयोजित विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन के उद्घाटन में पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा और रचनात्मक उद्योग की वैश्विक पहचान को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
WAVES समिट: एक वैश्विक मंच
पीएम मोदी ने WAVES समिट को केवल एक नाम नहीं, बल्कि संस्कृति, रचनात्मकता और वैश्विक जुड़ाव की लहर बताया। उन्होंने कहा कि यह समिट कलाकारों और रचनाकारों के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपने विचारों और रचनाओं को साझा कर सकते हैं।
भारत की 'ऑरेंज इकॉनमी' का उदय-
प्रधानमंत्री ने भारत में 'ऑरेंज इकॉनमी' के उदय की बात की, जिसमें कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर तीन मुख्य बिंदु हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय फिल्में अब 100 से अधिक देशों में रिलीज होती हैं और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भारतीय कंटेंट की मांग बढ़ रही है।
भारतीय सिनेमा की गौरवमयी यात्रा-
पीएम मोदी ने भारतीय सिनेमा की शुरुआत का उल्लेख करते हुए कहा कि 1913 में दादासाहेब फाल्के द्वारा निर्मित 'राजा हरिश्चंद्र' से लेकर आज तक भारतीय सिनेमा ने वैश्विक पहचान बनाई है। उन्होंने इस यात्रा को सम्मानित करते हुए भारतीय सिनेमा के दिग्गजों को डाक टिकटों के माध्यम से याद किया।
वैश्विक रचनाकारों के लिए संदेश-
प्रधानमंत्री ने युवा रचनाकारों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपनी एक अरब अनकही कहानियों को दुनिया के सामने लाएं। उन्होंने निवेशकों से भी अपील की कि वे प्लेटफॉर्म्स में ही नहीं, बल्कि लोगों में निवेश करें, ताकि रचनात्मकता को बढ़ावा मिल सके।
फिल्म जगत की प्रतिक्रियाएं-
समिट के उद्घाटन सत्र में बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों ने भाग लिया। अभिनेता शाहरुख़ ख़ान ने इसे रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाला अवसर बताया, जबकि अभिनेता अक्षय कुमार ने इसे एक शानदार विचार करार दिया।