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सेहत

Silent Killer है हाई ब्लड प्रेशर, लक्षण दिखने से पहले ही ये किडनी पर कर देता है अटैक !

30 मार्च, 2025 06:42 PM

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक गंभीर समस्या है, जो अक्सर बिना लक्षण दिखाए शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। यह "साइलेंट किलर" के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसके लक्षण देर से सामने आते हैं, लेकिन यह पहले ही गुर्दे (किडनी) को प्रभावित करने लगता है।ऑस्ट्रिया में विएना के मेडिकल विश्वविद्यालय की एक टीम के नेतृत्व में किए गए शोध में पाया गया कि उच्च रक्तचाप पोडोसाइट्स में असामान्यताएं पैदा कर सकता है


क्या निकला अध्ययन में ?
"हाइपरटेंशन" पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के लिए टीम ने कुल 99 रोगियों के गुर्दे के ऊतकों (Tissues ) का विश्लेषण किया: जो या तो उच्च रक्तचाप और टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित थे या उनमें से कोई भी स्थिति नहीं थी। उच्च रक्तचाप और मधुमेह क्रोनिक किडनी रोग के सबसे आम कारण हैं। परिणामों से पता चलता है कि उच्च रक्तचाप वाले रोगियों में स्वस्थ नियंत्रण की तुलना में पोडोसाइट्स का घनत्व कम होता है और उनके सेल नाभिक स्वस्थ नियंत्रण की तुलना में बढ़े हुए होते हैं। शोधकर्ताओं ने माना कि यह उच्च रक्तचाप प्रारंभिक अवस्था में और नैदानिक लक्षण से पहले गुर्दे को क्षति पहुंचा सकता है।


कैसे करता है हाई ब्लड प्रेशर गुर्दे पर अटैक?
गुर्दे का मुख्य कार्य खून को साफ करना, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना और शरीर में पानी व खनिज का संतुलन बनाए रखना है। जब ब्लड प्रेशर हाई होता है, तो रक्तवाहिनियों (Blood Vessels) पर अधिक दबाव पड़ता है। लगातार हाई ब्लड प्रेशर से गुर्दे की रक्त वाहिनियां संकरी या सख्त हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इससे किडनी को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे उनका कार्य प्रभावित होता है। धीरे-धीरे किडनी की फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।


हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी को होने वाले नुकसान
हाई ब्लड प्रेशर से किडनी की रक्त वाहिनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। इससे किडनी को सही मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे उनका कामकाज बिगड़ने लगता है। रक्त प्रवाह बाधित होने पर किडनी शरीर से विषैले तत्व और अपशिष्ट पदार्थ को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती। इससे शरीर में विषाक्त पदार्थ इकट्ठा होने लगते हैं।हाई ब्लड प्रेशर से किडनी के फिल्टर प्रभावित होते हैं, जिससे प्रोटीन यूरिन के साथ बाहर निकलने लगता है। यह स्थिति प्रोटीन यूरिया कहलाती है, जो किडनी खराब होने का संकेत है। लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर रहने पर क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) होने का भी खतरा रहता है।यह स्थिति धीरे-धीरे किडनी को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाती है।

 

हाई ब्लड प्रेशर से किडनी प्रभावित होने के लक्षण
अगर हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी प्रभावित हो रही हो, तो ये संकेत नजर आ सकते हैं:


-बार-बार पेशाब आना या पेशाब में कमी आना।
-पेशाब का रंग गहरा या बदबूदार होना।
-पैरों, टखनों, चेहरे और हाथों में सूजन आना।
-किडनी सही से काम न करने पर शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जिससे थकावट और कमजोरी महसूस होती है।
-किडनी के सही से काम न करने पर व्यक्ति को भूख कम लगती है और मतली महसूस होती है।
-किडनी खराब होने पर शरीर में सोडियम और पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर और अधिक बढ़ जाता है।


हाई ब्लड प्रेशर से किडनी बचाने के लिए उपाय
यदि आपका ब्लड प्रेशर अक्सर बढ़ता है, तो नियमित रूप से उसकी जांच करवाएं। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg होना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए नमक का सेवन कम करें। रोजाना 5-6 ग्राम (1 चम्मच) से ज्यादा नमक न लें। शरीर में विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने के लिए दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।पानी का पर्याप्त सेवन किडनी को स्वस्थ रखता है। रोजाना 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें, जैसे वॉकिंग, योग या साइकिलिंग, इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और किडनी स्वस्थ रहती है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पालक, धनिया या गुड़हल की चाय का सेवन करें, ये किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करती हैं

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