देश का सबसे बड़ा शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) अपने बहुप्रतीक्षित IPO को लेकर अब निर्णायक कदम उठाता नजर आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, NSE ने SEBI को ₹1,388 करोड़ का सेटलमेंट प्रस्ताव सौंपा है, ताकि को-लोकेशन और डार्क फाइबर से जुड़े विवाद सुलझाए जा सकें।
क्या है Co-Location Case और Dark Fibers Case
को-लोकेशन केस में आरोप है कि कुछ ब्रोकर्स ने अपने सर्वर को एनएसई के ट्रेडिंग सिस्टम के करीब रखकर अनुचित लाभ उठाया। इससे डेटा और ट्रेड तक उनकी पहुंच तेज हो गई। इससे मार्केट मैनिपुलेशन और फेयर एक्सेस की कमी से जुड़े सवाल उठे। सेबी ने वर्ष 2019 में शुरुआती आदेश में बड़ा जुर्माना लगा दिया जिसके खिलाफ एनएसई एसएटी पहुंच गई। इस मामले को सेबी सुप्रीम कोर्ट में लेकर गई, जहां यह मामला अभी भी पेंडिंग है। डार्क फाइबर केस की बात करें तो इसमें आरोप है कि वर्ष 2009 से वर्ष 2016 के बीच एनएसई ने कुछ ब्रोकर्स को अनाधिकृत 'डार्क फाइबर' लिंक्स के जरिए को-लोकेशन फैसिलिटीज का प्रिफरेंशियल एक्सेस दिया। इससे इन ब्रोकर्स की ट्रेडिंग स्पीड बाकियों की तुलना में तेज हो गई।
₹6 लाख करोड़ का बाजार मूल्य
NSE वर्तमान में अनलिस्टेड बाजार में लगभग ₹6 लाख करोड़ की वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है। इसके IPO को भारतीय पूंजी बाजार के इतिहास का एक अहम मोड़ माना जा रहा है।