मुंबई ;अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ब्याज दरों में अधिक कटौती के लिए फेडरल रिजर्व में संभावित नेतृत्व परिवर्तन करने को लेकर जारी अटकलों से यूरोपीय बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत गुरुवार को शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1000.36 अंक अर्थात 1.21 प्रतिशत की छलांग लगाकर करीब नौ महीने के उच्चतम स्तर 83 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 83755.87 अंक पर पहुंच गया। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 304.25 अंक यानी 1.21 प्रतिशत उछलकर 25549 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह बीएसई का मिडकैप 0.56 प्रतिशत मजबूत होकर 46,362.77 अंक और स्मॉलकैप 0.12 प्रतिशत बढक़र 53,960.57 अंक हो गया। इस दौरान बीएसई में कुल 4153 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2097 में लिवाली, जबकि 1900 में बिकवाली हुई। वहीं 156 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
इसी तरह एनएसई में कारोबार के लिए रखी गई कुल 2975 कंपनियों के शेयरों में से 1474 में तेजी, जबकि 1397 में गिरावट रही, वहीं 104 में टिकाव रहा। विश्लेषकों के अनुसार, गुरुवार को डॉलर तीन साल के निचले स्तर पर आ गया, जबकि वैश्विक शेयर बाजारों ने बीते तीन दिन में दूसरी बार नया रिकॉर्ड उच्च स्तर हासिल किया। इसकी वजह अमरीकी फेडरल रिजर्व में संभावित नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें बताई जा रही हैं। वहीं, वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी का रुख बना रहा और बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।