नई दिल्ली; देश पहलगाम हमले के बाद आतंकियों और उसके सरगनाओं के खात्मे का इंतजार कर रहा है और उधर मणिपुर में नई सरकार बनाने की सुगबुगागट तेज हो गई है। मणिपुर के 21 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए ‘चुनी हुई सरकार’ बहाल करने का आग्रह किया है। मणिपुर में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है। इस चि_ी पर भारतीय जनता पार्टी के 13 विधायकों, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी)और नगा पीपुल्स फं्रट के तीन-तीन विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों ने हस्ताक्षर किये हैं। इसमें कहा गया है कि मणिपुर के लोगों ने राष्ट्रपति शासन का स्वागत किया है…बहुत उम्मीद और अपेक्षा के साथ। हालांकि, तीन महीने होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं देखी गई है।
10 अप्रैल को लिखे पत्र में विधायकों ने कहा कि इन संगठनों ने सार्वजनिक रैलियां, नुक्कड़ सभाएं आयोजित करना, आम जनता को भडक़ाना, सत्तारूढ़ विधायकों पर लोकप्रिय सरकार बनाने का दावा न करने का आरोप लगाना तथा राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए जिम्मेदारी तय करना शुरू कर दिया है। एक विधायक ने बताया कि यह पत्र गृह मंत्रालय को 29 अप्रैल को प्राप्त हुआ और बुधवार को इसे सार्वजनिक किया गया। विधायकों ने यह भी कहा कि हमारा मानना है कि मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए चुनी हुई सरकार की स्थापना ही एकमात्र साधन है।
राज्य में फिर से हिंसा होने की प्रबल आशंका
इस पत्र में कहा गया है कि लोगों में इस बात की प्रबल आशंका है कि राज्य में फिर से हिंसा हो सकती है। कई नागरिक संगठन राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं और एक लोकप्रिय सरकार की स्थापना की मांग कर रहे हैं।