पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित 8 मामलों में दाखिल जमानत याचिका मंजूर कर ली है। इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के नेताओं, समर्थकों और देश की राजनीति के लिए यह निर्णय बेहद अहम है।
इमरान खान की तरफ से सलमान सफदर जबकि पंजाब के विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मुहम्मद शफी सिद्दीकी और मियांगुल हसन औरंगजेब भी शामिल थे, ने गुरुवार को याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू की। इमरान खान की तरफ से सलमान सफदर जबकि पंजाब के विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने नकवी से पूछा, “आपने लाहौर उच्च न्यायालय का फैसला पढ़ा होगा। क्या जमानत के मामले में अंतिम टिप्पणी की जा सकती है?”
12 अगस्त को सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश ने लाहौर हाईकोर्ट की कुछ टिप्पणियों पर सवाल उठाए और कहा कि सुप्रीम कोर्ट कानूनी निष्कर्षों पर टिप्पणी नहीं करेगा
12 अगस्त को सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे और कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय किसी भी पक्ष के मामले को प्रभावित न करने के लिए कानूनी निष्कर्षों पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा। मुख्य न्यायाधीश ने अपना दूसरा प्रश्न पूछते हुए कहा, “इसी अदालत (लाहौर उच्च न्यायालय) ने एक संदिग्ध को षड्यंत्र के आरोप में जमानत दी थी। क्या इस मामले में वरीयता का सिद्धांत लागू नहीं होगा?” अभियोजक ने जवाब दिया कि जमानत के मामले में अदालत की टिप्पणी हमेशा अंतरिम प्रकृति की होती है। उन्होंने तर्क दिया, “अदालत की टिप्पणी का मुकदमे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।”
अभियोजक ने अदालत से अनुरोध किया कि वह उन्हें मामले के गुण-दोष पर सहायता करने की अनुमति दे
अभियोजक ने अदालत से अनुरोध किया कि वह उन्हें मामले के गुण-दोष पर सहायता करने की अनुमति दे। मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने कहा, “हम किसी को भी मामले के गुण-दोष पर बहस करने की अनुमति नहीं देंगे। आप केवल षड्यंत्र (आरोप) से संबंधित कानूनी सवालों के ही जवाब दे सकते हैं।” इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया। पीटीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ‘इमरान खान की जीत’ बताया है।
नवंबर 2024 में लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित मामलों में इमरान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया था
नवंबर 2024 में लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित मामलों में इमरान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने भी 24 जून को इमरान खान की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जेल में बंद पीटीआई नेता ने अपने वकीलों के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में जमानत की याचिका दाखिल की थी। इमरान खान पर कई अन्य मामले भी चल रहे हैं, जिनमें सरकारी उपहारों से संबंधित 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में, वह अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं।